प्रोफेट जी की और से सन्देश
आप सब फेसबुक परिवार और प्रभु के दास दासिओं और
विश्वासीओ और कलीसिया को जय मसीह की
आप मेरे जेल जाने से मत घबरायें की प्रभु ने ऐसा क्यों होने दिया
ये अंत समय की निशानिया है ऐसे ऐसे दुख सबको
उठाने पड़ेंगे मैं पूरी दुनिया के लिए दुआ कर रहा हूँ की परमेश्वर सबको
आशीष दे और प्रकाशित वाक्य के इस वचन को पड़े और समझे
जो इस दुनिया में दुख उठा लेगा उसको दूसरी मृत्यु से छुटकारा
मिल जायेगा
और स्मुरना की कलीसिया के दूत को यह लिख, कि,
जो प्रथम और अन्तिम है; जो मर गया था और
अब जीवित हो गया है, वह यह कहता है कि। प्रकाशित वाक्य 2 : 8
जो दु:ख तुझ को झेलने होंगे, उन से मत डर: क्योंकि देखो,
शैतान तुम में से कितनों को जेलखाने में डालने पर है ताकि तुम परखे जाओ; और तुम्हें दस दिन तक क्लेश उठाना होगा: प्राण देने तक विश्वासी रह; तो मैं तुझे जीवन का मुकुट दूंगा। प्रकाशित वाक्य 2 : 10
जिस के कान हों, वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है:
जो जय पाए, उस को दूसरी मृत्यु से हानि न पहुंचेगी॥ प्रकाशित वाक्य 2 :11
आशीष पाने के लिए हर संडे आप कही भी हो लेकिन चर्च में जरूर जाएं
प्रार्थना
परम पिता परमेश्वर, सृष्टि के मालिक
मै आपका धन्यवाद करता हूँ
कि आपने मुझे जीवन दिय
और अभी तक सुरक्षित रखा
सच मै पिता ये आपकी दया है
कि आज का दिन मुझे मिला
सच में पिता आज मै अपने किसी हुनर या खूबी की वजह से जीवित नहीं
आपने मुझे जीवित रखा है इस लिए मै जीवित हूँ
आपने हर परेशानी में मेरी सहायता और मदद की
इसलिए मै आपको धन्यवाद करता हूँ।
पिता और कुछ भी नहीं मेरे पास धन्यवाद के सिवा
क्योंकि सारी दुनिया तेरी है सबकुछ तूने बनाया है,
मै आपको क्या दे सकता हूँ, परन्तु परमेश्वर मनुष्य आज आपको खुश करने के लिए क्या क्या नहीं करता वो ये भूल जाता है की आप तो पूरी दुनिया के मालिक है और सृष्टि की हर वस्तु आपकी है. आपको किस चीज की कमी है
फिर भी वो अन्धकार में आकर आपकी विभिन्न प्रकार की मुर्तिया बना कर, आपको क्या क्या नहीं चढ़ाता , वो अंधकार में
ये भी भूल चूका है की आप तो देने वाले है लेने वाले नहीं, पिता आपने मुझे इस अंधकार से निकला और आपनी ज्योति के प्रकाश लाये
इस लिए मै ह्रदय से आपका धन्यवाद करता हूँ, आपका वचन कहता है सत्य को जानोगे तो सत्य तुम्हे स्वतंत्र करेगा"
पिता मै आपसे प्रार्थना करता हूँ, कि जितने भी मेरे भाई - बहन और आपके के बेटे और बेटी अभी अंधकार में है वे भी आपके प्रकाश में आये,
और आपके सत्य को जाने ताकि प्रभू जी वे सारे पाखण्ड के जाल से आजाद हो जाये, जैसे आपने मुझे किया i
पिता परमेश्वर आपने कहा है कि "मांगो तो तुम्हे दिया जायेगा" आज प्रभु जी मै सभी लोगो के जीवन को मांगता हूँ की हर एक जन आजाद होने पाये
आज बहुत से परिवारों में अशांति और झगड़े है और इन झगड़ों का मुख्य कारण है बहस करना सहनशील ना होना और क्षमा ना करना*
सच्ची क्षमा अपने ह्रदय में दूसरों के प्रति बदले की भावना और कड़वाहट को ना रखना है
परमेश्वर का वचन हमें सिखाता है कि हमें लोगों की गलतियों के प्रति धीरजवन्त होना है*
इसका अर्थ यह नहीं कि हम लोगों को बिगड़ने के लिए छोड़ दें हां*
हमें लोगों को समझाना और सिखाना है
पर बुद्धिमानी से सबसे महत्वपूर्ण परमेश्वर के मार्गदर्शन के अनुसार*
क्योंकि हम लोगों को नहीं बदल सकते हैं लेकिन परमेश्वर है जो उन को बदल सकता है*
मत्ती 19:26
यीशु ने उन की ओर देखकर कहा, मनुष्यों से तो यह नहीं हो सकता, परन्तु परमेश्वर से सब कुछ हो सकता है
बहुत बार हमारे जीवन में भी ऐसी परिस्थितियां आती हैं जिसमें हमें बिल्कुल भी समझ में नहीं आता कि हम क्या करें?
अब जब तक हम जिंदा है तब तक शैतान हमें परेशान करेगा ही समस्याएं आएंगे ही*
लेकिन ऐसी परिस्थितियों में भी हम एक शांतिमय जीवन को कैसे जिए?
और इसका कुंजी है क्या
इसका कुंजी है केवल परमेश्वर की उपस्थिति
परमेश्वर की उपस्थिति 5 मिनट बाइबल पढ़ना 10 मिनट प्रार्थना करने से नहीं आती परमेश्वर की उपस्थिति आती है {उसे खोजने में}
और खोजने के लिए दो बातों का होना
आवश्यक है पहला अपना ध्यान केवल उसी पर लगाना और दूसरा हमारा समय*
यशायाह 55:6
जब तक यहोवा मिल सकता है तब तक उसकी खोज में रहो, जब तक वह निकट है तब तक उसे पुकारो
उसकी उपस्थिति के लिए हमें कीमत चुकानी पड़ती है और वह है हमारा समय*
हम परमेश्वर की उपस्थिति में दो बातों के द्वारा प्रवेश करते हैं पहला विश्वास और दूसरा प्रभु यीशु का लहू*
विश्वास करने के द्वारा हम परमेश्वर के विश्राम में प्रवेश करते हैं
इब्रानियों 4:3
और हम जिन्हों ने विश्वास किया है, उस विश्राम में प्रवेश करते हैं;
यह विश्राम वह स्थान है चाहे हम कैसे भी दर्दनाक परिस्थिति से गुजर रहे हो या अत्यंत दुख और क्लेश में हो पर फिर भी हम अंदर से शांत और आनंद में हो)
हम नाना प्रकार के समस्याओं से गुजरते तो हैं पर इसमें हम अकेले नहीं हमारे साथ कोई है*
रोमियो 8:31*
सो हम इन बातों के विषय में क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है*
और वह अंत तक हमारे साथ रहेगा वह हमें कभी नहीं छोड़ेगा*
महिमा केवल हमारे प्रभु को*